ठंड में दिल्ली ने शिमला, मसूरी को पीछे छोड़ा!

अमित भट्टाचार्य, नई दिल्ली आमतौर पर दिल्ली के लोग गर्मियों में ठंडी के एहसास के लिए शिमला, जैसे पहाड़ी इलाकों में जाना पसंद करते हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से दिल्ली-एनसीआर जबरदस्त ठंड की चपेट में है और दिसंबर में तो यहां 119 साल में दूसरी बार इतनी ठंड पड़ रही है। स्थिति ये है कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के कई इलाके दिन और रात में तो शिमला और मसूरी से भी ज्यादा ठंडे हैं। शिमला और मसूरी से भी ठंडी दिल्ली शिमला और मसूरी दोनों शहरों में इस सप्ताह के अंत में अधिकतम तापमान 14 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, दिल्ली में इस दौरान अधिकतम तापमान कम था। शनिवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 14 डिग्री से कम मापा गया। वहीं, रविवार को जाफरपुर (11.6), मुंगेशपुर (11.9) और पालम (13.5) में तापमान 14 डिग्री से भी कम था। मौसम विभाग के अनुसार, तापमान कम रहने का मुख्य कारण मैदानी इलाकों में कोहरे की चादर होना है। कोहरे के कारण सूर्य की रोशनी जमीन पर सही से पहुंच नहीं पा रही हैं। शनिवार को दिल्ली में 2 डिग्री दर्ज किया गया तापमान शनिवार को राजधानी दिल्ली में रात का तापमान 2 डिग्री दर्ज किया गया जो शिमला और मसूरी से भी कम था। रविवार को शिमला का न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री था जबकि दिल्ली के कई इलाकों का तापमान भी इसी के पास दर्ज किया गया। घने कोहरे ने बढ़ाई ठंड! उत्तर के मैदानी इलाकों में पिछले करीब एक पखवाड़े से सुबह के समय घना कोहरा हो रहा है जो दिन बढ़ने के साथ बढ़ता जा रहा है और आसमान में लो क्लाउड कवर बना रहा है। दिन के समय में कोहरे की चादर उत्तर के लगभग पूरे मैदानी इलाकों और पाकिस्तान के पश्चिमी क्षेत्र से लेकर बिहार तक को कवर कर रहा है। कोहरे की घनी चादरें सूर्य की रोशनी को जमीन पर आने से रोक रही हैं, जिसके कारण दिन में ठंडक ज्यादा है। रविवार को कोहरे की परत में कमी आने के कारण दिल्ली-एनसीआर में तापमान में मामूली बढ़त दर्ज की गई थी। पढ़ें, जानिए, मौसम विभाग ने क्या-क्या बताया स्थानीय मौसम विभाग के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, 'आमतौर पर कोहरे की यह चादर जमीन से कुछ सौ मीटर ऊपर तक रहती है। ऐसे में 1,600-2,000 मीटर की ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों के लिए कोहरे की चादर की यह ऊंचाई बेहद कम होती है। पिछले कुछ समय से पहाड़ी इलाकों में बारिश नहीं हो रही है। इसका मतलब यह हुआ है कि अगर सुबह के समय शिमला और मसूरी में कोहरा होता भी है तो दिन के समय में सूर्य की रोशनी आसानी से जमीन पर पहुंच जाएगी और तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होगी।' बर्फीली हवाओं का कहर बारिश नहीं होने कारण शिमला और मसूरी दोनों जगहों में अधिकतम तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री ऊपर है। उधर, मैदानी इलाकों में रेकॉर्डतोड़ ठंड का एक अहम कारण उत्तर से चलने वाली बर्फीली हवाएं हैं, जो पिछले एक पखवाड़े से इन इलाकों में चल रही हैं। इन हवाओं के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पढ़िए, सोमवार से कुछ राहत संभव! श्रीवास्तव ने कहा, 'सोमवार से हवा की दिशा में बदलाव आ सकती है और गर्म पछुआ हवाएं इन इलाकों में दाखिल हो सकती हैं। इससे मौसम पर निश्चित तौर पर असर पड़ेगा और अधिकतम तापमान कुछ डिग्री तक बढ़ सकता है।' 1 जनवरी को दिल्ली में बारिश उन्होंने कहा कि हवा की दिशा में बदलाव के कारण 31 दिसंबर से उत्तर भारत में बारिश की स्थिति बना रही है। श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने पहले ही भविष्यवाणी कर रखी है कि नए साल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश हो सकती है। इसके अलावा दो जनवरी को भी बारिश होने का अनुमान है। हालांकि कड़ाके की सर्दी से यह राहत मामूली होगी और 3 जनवरी के बाद से तापमान में फिर से गिरावट दर्ज की जाएगी।


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