169 वोटों के साथ ठाकरे को मिला बहुमत

मुंबई महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। नई नवेली उद्धव ठाकरे सरकार को 288 सदस्यों वाली विधानसभा के फ्लोर टेस्ट में 169 विधायकों ने समर्थन दिया, जबकि 4 विधायकों ने किसी के भी पक्ष में वोट नहीं दिया। बीजेपी के सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया था, इसलिए वोटिंग के दौरान सरकार के खिलाफ एक भी वोट नहीं पड़ा। कांग्रेस के नेता अशोक चव्हाण ने उद्धव ठाकरे की सरकार का विश्वास प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव का एनसीपी के नवाब मलिक और शिवसेना के सुनील प्रभु ने अनुमोदन किया था। विश्वास मत प्रस्ताव के तहत पहले सभी सदस्यों से राय जानी गई और उनकी गिनती भी हुई। इस दौरान बीजेपी के विधायकों ने सत्र को नियम के तहत न बुलाने पर वॉकआउट कर दिया। दादागीरी नहीं चलेगी, नहीं चलेगी का नारा लगाते हुए बीजेपी विधायक असैंबली से बाहर चले गए। सदन से बाहर निकलने पर मीडिया से बात करते हुए पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति गलत तरीके से की गई है। इसके अलावा मंत्रियों ने जो शपथ ली है, वह गलत है। किसी ने सोनिया गांधी, किसी ने बालासाहेब ठाकरे का नाम लेकर शपथ ली, जो गलत था। फडणवीस बोले, प्रोटेम स्पीकर नहीं करा सकते फ्लोर टेस्ट उन्होंने कहा कि फ्लोर टेस्ट नियमित स्पीकर तय किए जाने के बाद होता है, लेकिन इस सरकार ने डर के चलते ऐसा किया है। फडणवीस ने कहा कि हम राज्यपाल को इस संबंध में पत्र देने वाले हैं कि सदन की कार्रवाई निरस्त की जाए। 16 की बजाय 20 नंबर बोल गए जितेंद्र अव्हाड सत्ता पक्ष के सभी विधायकों ने एक-एक कर अपना नंबर बोला। इस दौरान एक दिलचस्प मामला भी देखने को मिला, जब एनसीपी के नेता जितेंद्र अव्हाड ने अपना नंबर 20 बताया, जबकि वह खुद 16 पर थे। इस पर उन्हें साथियों ने बताया कि वह 20 नहीं बल्कि 16वें नंबर पर हैं। MNS ने नहीं दिया सरकार के पक्ष में वोट फ्लोर टेस्ट के दौरान राजठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने सरकार के पक्ष में मतदान नहीं किया। इसके अलावा तीन अन्य विधायकों ने भी किसी भी पक्ष में वोट नहीं दिया। बता दें कि राज ठाकरे महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई हैं। ऐसे में उनकी पार्टी के विधायक का उद्धव सरकार का समर्थन न करना उल्लेखनीय है। सत्र शुरू होते ही बीजेपी का वंदे मातरम पर हंगामा इससे पहले सत्र की शुरुआत होते ही बीजेपी के विधायकों ने यह कहते हुए हंगामा किया कि अधिवेशन नियमों के खिलाफ बुलाया गया है। बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह अधिवेशन नियमों और संविधान के खिलाफ बुलाया है। उन्होंने कहा कि यह सदन वंदे मातरम के साथ शुरू होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सदन की शुरुआत राष्ट्रीय गीत के साथ होने का नियम रहा है।


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