JDU ने शर्त के साथ मोदी सरकार में मांगा हिस्सा

नई दिल्लीएक तरफ महाराष्ट्र में शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी पर ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री की मांग को लेकर दबाव बना रखा है तो दूसरी तरफ एक और सहयोगी जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) ने केंद्र में हिस्सेदारी मांगी है। जेडीयू ने बुधवार को एक बार फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी पार्टी को '' देने पर जोर दिया और कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इस संबंध में पहल करते हैं तो वह उसका स्वागत करेगी। इससे पहले जेडीयू ने जून में मोदी सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया था। ने तीन साल के लिए दोबारा पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपनी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद को संबोधित किया। इसके बाद जेडीयू ने बीजेपी को याद दिलाया कि बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार में बीजेपी को आनुपातिक प्रतिनिधित्व दिया है। पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कुमार के भाषण और अन्य मुद्दों पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उल्लेख किया कि 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव का जनादेश बीजेपी के खिलाफ था लेकिन कुमार ने मंत्री पदों के अलावा उपमुख्यमंत्री का पद भी दिया। पार्टी का यह रूख ऐसे समय सामने आया है जब बीजेपी की एक अन्य सहयोगी पार्टी शिवसेना महाराष्ट्र की सत्ता में समान हिस्सेदारी की मांग कर रही है। त्यागी ने कहा, 'अगर एनडीए के नेता मोदी और शाह सरकार में जेडीयू के आनुपातिक प्रतिनिधित्व के लिए पहल करते हैं, तो हम इसका स्वागत करेंगे।' उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में एनडीए की सबसे बड़ी घटक है। उन्होंने कहा कि जेडीयू को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने से केंद्र सरकार में बिहार के और अधिक प्रतिनिधि होंगे। यह सामाजिक रूप से अधिक व्यापक और सामंजस्यपूर्ण होगा। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अपनी शानदार जीत के बाद अपने प्रत्येक सहयोगी को एक मंत्रीपद की पेशकश की थी। लेकिन जेडीयू ने कम से कम तीन मंत्री पद की मांग की थी। लंबे समय से अपनी पार्टी की शिकायत को रेखांकित करते हुए त्यागी ने उल्लेख किया कि पहली मोदी सरकार में भी जेडीयू को शामिल नहीं किया गया था। हालांकि उसने 2017 में कांग्रेस और आरजेडी से संबंध तोड़ने के बाद प्रदेश सरकार में बीजेपी नेताओं को शामिल किया था। हाल के लोकसभा चुनाव में, बीजेपी और जेडीयू ने राज्य में क्रमशः 17 और 16 सीटें जीती थीं, उसके बाद रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली एलजेपी की छह सीटें थीं। त्यागी ने हालांकि कहा कि उनकी पार्टी मंत्री पद को लेकर बीजेपी पर कोई शर्त नहीं थोप रही है। इससे पहले नीतीश कुमार ने अपने भाषण में राष्ट्र-व्यापी शराबबंदी पर जोर दिया और महिलाओं के लिए अपनी सरकार के कदमों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर होने वाली आलोचना को खारिज कर दिया। त्यागी ने दावा किया कि शाह के हालिया बयान के बाद बीजेपी के साथ उनकी पार्टी के गठबंधन में कोई 'भ्रम' नहीं है कि बिहार में एनडीए 2020 का विधानसभा चुनाव कुमार के नेतृत्व में लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हम 2010 के चुनाव परिणामों से भी बेहतर करेंगे। एनडीए ने तब 243 सीटों में से 206 सीटें जीती थीं। उन्होंने कहा कि जेडीयू झारखंड और दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। पार्टी की नजर राष्ट्रीय पार्टी बनने पर है और इसके लिए कम से कम चार राज्यों में मान्यता प्राप्त पार्टी का दर्जे हासिल करने की आवश्यकता होती है। ईयू सांसदों को कश्मीर दौरे की इजाजत देने पर सवाल जेडीयू ने यूरोपीय संघ (ईयू) संसद के सदस्यों को कश्मीर का दौरा करने की इजाजत देने को लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर बुधवार को सवाल उठाया। जेडीयू ने हैरानी जताते हुए कहा कि क्या यह (फैसला) इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय करने के खिलाफ भारत की नीति के उलट नहीं है और क्या इसके लिये यह उपयुक्त समय है, जबकि देश के सांसद कश्मीर घाटी का दौरा नहीं कर पा रहे हैं। पार्टी के प्रवक्ता पवन वर्मा ने यूरोपीय संघ के 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के घाटी के दो दिनों के दौरे पर पार्टी का रुख प्रकट करते हुए यह बात कही। पूर्व राजनयिक ने कहा, 'इस दौरे को लेकर कई सारे विरोधाभास हैं। एक ओर जहां भारत इस मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण के खिलाफ है, वहीं दूसरी ओर हमने इन सांसदों को उनकी निजी हैसियत के तहत दौरा करने की इजाजत दी। क्या यह उपयुक्त समय है? इन सदस्यों (प्रतिनिधिमंडल में शामिल) के चयन के लिये क्या मानदंड हैं।'


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