विदेशी सांसदों के कश्मीर दौरे में मिस्ट्री विमिन!

नई दिल्ली यूरोपियन यूनियन के सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर एक मिस्ट्री विमिन का नाम आ रहा है, जिसने इन लोगों को आमंत्रित किया था। महिला का नाम है, जो मादी ग्रुप की हेड हैं। यूरोपीय सांसदों को भेजे न्योते में मादी ने ही उन्हें पीएम मोदी के साथ खास मुलाकात कराने और कश्मीर ले जाने का वादा किया था। उनके मादी ग्रुप के बारे में कहा जा रहा है कि यह कई अंतरराष्ट्रीय प्राइवेट सेक्टर और एनजीओ का एक नेटवर्क है। 7 अक्टूबर को सांसदों को लिखा मेल हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को मिले ईमेल पत्राचार की कॉपी से पता चलता है कि 7 अक्टूबर 2019 को मादी शर्मा ने यूरोपीय सांसदों को ईमेल कर 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीआईपी मीटिंग कराने और 29 अक्टूबर को कश्मीर ले जाने का वादा किया था। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की बात कही गई थी। भारतीय मीडिया में यह खबर सामने आने के बाद अब मादी शर्मा के बारे में जानने की लोगों में उत्सुकता बढ़ी है। थिंक टैंक चलाती हैं मादी शर्मा मादी शर्मा एक NGO विमिंज इकनॉमिक ऐंड सोशल थिंक टैंक (WESTT) चलाती हैं। शर्मा के ट्विटर हैंडल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार वह खुद को 'सोशल कैपिटलिस्ट: इंटरनैशनल बिजनस ब्रोकर, एजुकेशनल आंत्रप्रेन्योर ऐंड स्पीकर' बताती हैं। यूरोपीय सांसदों को इन्होंने ही भारत दौरे के लिए आमंत्रित किया था। आपको बता दें कि EU टीम के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर से नई दिल्ली में मुलाकात की। इसके बाद वे मंगलवार को श्रीनगर में 15वीं कोर के कमांडर से भी मिले। नई दिल्ली में डोभाल द्वारा आयोजित लंच के दौरान कश्मीर के कुछ लोगों से भी उनकी मुलाकात कराई गई थी। ऐसे ही श्रीनगर में भी उनकी कुछ स्थानीय लोगों से मुलाकात हुई। 370 पर लिखा था आर्टिकल शर्मा यूरोपियन इकनॉमिक ऐंड सोशल कमिटी की सदस्य हैं, जो यूरोपियन यूनियन की एक सलाहकार संस्था है। उन्होंने 370 पर एक आर्टिकल भी लिखा था जो EP टुडे में प्रकाशित हुआ। लेख का शीर्षक था, 'आर्टिकल 370 को खत्म करना जीत और कश्मीरी महिलाओं के लिए चुनौती क्यों है।' EP टुडे एक मासिक पत्रिका है, जो यूरोपीय संसद से जुड़ी है। मादी की वेबसाइट के मुताबिक WESTT महिलाओं का एक प्रमुख थिंक-टैंक है जिसकी वैश्विक पहुंच है। यह आर्थिक, पर्यावरणीय और महिलाओं के सामाजिक विकास पर फोकस करता है। इसमें लिखा है, 'राजनीतिक स्तर पर यह कई मसलों पर जागरूकता के लिए लॉबिंग का भी काम करता है लेकिन कभी भी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं।' हालांकि अब तक वह कश्मीर के मामलों से संबंधित नहीं थी। उन्होंने पिछले साल ऐसा ही एक यूरोपीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मालदीव भेजने में सहयोग किया था। उस समय तत्कालीन यामीन सरकार के लिए काफी मुश्किल दौर था।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/34nztm3

Comments

Popular posts from this blog

चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने मांगी गिरफ्तारी

संपादकीय: उपचुनाव का संदेश, I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद की पहली भिड़ंत

विशुद्ध राजनीति: विपक्षी बैठक के बाद ममता खफा, राहुल का विदेश दौरा, स्पेशल सेशन पर सस्पेंस, देश की राजनीति में सब घट रहा