UN में युवा ब्रिगेड ने कैसे पाक की निकाली हवा
नई दिल्ली में पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की करीब 50 मिनट की तकरीर किसी राष्ट्राध्यक्ष के भाषण के बजाय किसी महजबी कठमुल्ले की 'हेट स्पीच' ज्यादा लगी, जिसमें भारत के खिलाफ जहर तो था ही, परमाणु युद्ध की धमकी भी थी। लेकिन 'राइट टु रिप्लाइ' के तहत भारतीय राजनयिक ने महज 5 मिनट में इमरान की 50 मिनट की स्पीच की धज्जियां उड़ा दी। आतंकवाद को लेकर न सिर्फ पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को उजागर किया, बल्कि इमरान के भाषण को ही हथियार बनाकर इस्लामाबाद को कठघरे में खड़ा किया। पाकिस्तानी पीएम को उनके पूरे नाम इमरान खान नियाजी से संबोधित करके उन्हें 1971 के इतिहास की याद दिलाई, जब आज के बांग्लादेश और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने करीब 1 लाख पाकिस्तानी सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया था। भारत की युवा राजनयिक कौन भारत ने एक युवा राजनयिक को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के झूठ का जवाब देने के लिए चुना। वह राजनयिक हैं 2009 बैच की आईएफएस अधिकारी विदिशा मैत्रा, जिन्होंने शुक्रवार को भारत के ' राइट टु रिप्लाइ' के तहत जवाब देते हुए अपने अकाट्य तर्कों से पाक की बोलती बंद कर दी। विदिशा हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मिशन से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा, 'पीएम इमरान खान का परमाणु युद्ध छेड़ने की धमकी खतरनाक सोच को दिखाता है, राजनीतिक कौशल नहीं।' पढ़ें: विदिशा ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र महासभा का शायद ही ऐसा दुरुपयोग देखा गया है। कूटनीति में शब्द मायने रखते हैं। बर्बादी, खूनखराबा, नस्लीय श्रेष्ठता, बंदूक उठाना, अंत तक लड़ना जैसे शब्दों का इस्तेमाल मध्ययुगीन मानसिकता को दिखाता है न कि 21 सदी के दृष्टिकोण को।' उन्होंने इमरान खान का पूरा नाम 'इमरान खान नियाजी' लेकर सोशल मीडिया पर खूब वाह-वाही लूटी। लोगों को 'नियाजी' सुनना इसलिए पसंद आया क्योंकि 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल ए ए के नियाजी ने 90,000 सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने सरेंडर कर दिया था। मैत्रा ने पूछा, 'पाकिस्तान के पीएम इस बात की पुष्टि नहीं करेंगे कि उनका देश UN द्वारा घोषित 130 आतंकियों और 25 आतंकी संगठनों की शरणस्थली है? क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार करेगा कि 27 में से 20 पैरामीटर्स के उल्लंघन के कारण फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स ने उसे नोटिस दे रखा है। क्या पीएम इमरान खान न्यू यॉर्क शहर से इनकार करेंगे कि वह ओसामा बिन लादेन का खुले तौर पर बचाव करते रहे हैं।' विदिशा ने कहा कि यह एक ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यक समुदाय 1947 में 23% से सिकुड़कर 3% रह गया है। पाकिस्तान में ईसाई, सिख, अहमदिया, हिंदू, शिया, पश्तून, सिंधी और बलूचों को ईश निंदा कानून के तहत प्रताड़ित किया जाता है और वे जबरन धर्मांतरण का शिकार हो रहे हैं। 2017 में कूटनीतिक कौशल दिखाने वाली एनम से लेकर यूएनएचआरसी में पाकिस्तान को जवाब देने वाले कश्मीरी राजनयिक विमर्श आर्यन के जरिए विदेश मंत्रालय ने सफलतापूर्वक भारत की विविधता और भारत के युवा राजनयिकों के साहस का परिचय दिया है। उल्लेखनीय है कि 2017 में जब पाकिस्तान के पीएम शाहिद खक्कान अब्बासी ने भारत पर कई बेबुनियाद आरोप लगाए थे, तो 'राइट टु रिप्लाइ' के तहत एनम गंभीर ने पड़ोसी देश को टेररिस्तान की संज्ञा दी और कहा, 'अपने छोटे से इतिहास में पाकिस्तान का भूगोल आतंकवाद का पर्याय बन चुका है। पाकिस्तान अब टेररिस्तान बन चुका है।' वहीं, बीते दिनों संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में विमर्श आर्यन ने पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के भारत पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा, 'यह अपने क्षेत्रीय महात्वाकांक्षा को बढ़ाने के लिए एक बुरी सोच वाली छुपी हुई नीयत है। हम पाकिस्तान के झूठे और मनगढ़ंत बयान से हैरान नहीं हैं जिसके जरिए वह इस मंच का राजनीतिकरण और ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहा है।'
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