हिमाचल के बाद अब त्रिपुरा, मंदिरों में बलि पर रोक

अगरतला ने राज्य के सभी मंदिरों में पशुओं या पक्षियों की बलि पर शुक्रवार को रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति अरिंदम लोध की एक खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। आदेश में कहा गया है, राज्य समेत किसी को भी राज्य के अंदर किसी भी मंदिर के प्रांगन में पशु/पक्षी की बलि देने की इजाजत नहीं होगी। पीठ ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को इस आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश दिया। पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को दो प्रमुख मंदिरों, देवी त्रिपुरेश्वरी मंदिर और चतुरदास देवता मंदिर में तत्काल सीसीटीवी कैमरे लगवाने का भी आदेश दिया। इन दोनों मंदिरों में बड़ी संख्या में पशुओं की बलि दी जाती है। कुछ ने किया स्वागत, कुछ ने उठाए सवाल हाई कोर्ट के इस आदेश का जहां ज्यादातर लोगों ने स्वागत किया है, वहीं कुछ लोगों ने इस पर सवाल भी उठाए हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रद्योत किशोर मनिक्या ने इस कदम को उचित ठहराया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोर्ट मंदिरों में लगाने का फैसला देता है तो फिर उसे ईद के दौरान भी इस तरह का (पशु बलि पाबंदी को लेकर) आदेश देना चाहिए। हिमाचल प्रदेश में हाई कोर्ट ने लगाया था रोक बता दें कि इससे पहले वर्ष 2014 में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने भी मंदिरों मे पशुओं की बलि पर प्रतिबंध लगाया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि ईश्वर को प्रसन्न करने के लिये बर्बर तरीके से पशु वध की इजाजत नहीं दी जा सकती है। हाई कोर्ट ने कहा था कि पूरे राज्य में कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक धार्मिक स्थल पर किसी पशु की बलि नहीं देगा। धार्मिक स्थल के दायरे में ऐसे स्थल के निकट की उस भूमि और इमारतों को भी शामिल किया गया था जो धार्मिक उद्देश्य से संबद्ध हों।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2nzRX2n

Comments

Popular posts from this blog

चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने मांगी गिरफ्तारी

संपादकीय: उपचुनाव का संदेश, I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद की पहली भिड़ंत

विशुद्ध राजनीति: विपक्षी बैठक के बाद ममता खफा, राहुल का विदेश दौरा, स्पेशल सेशन पर सस्पेंस, देश की राजनीति में सब घट रहा