'अमावस रात में आतंकी घुस रहे भारत सीमा में'

रोहन दुआ, श्रीनगरजम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की सीमा से आनेवाले आतंकियों को लेकर नैशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी आत्मघाती हमलावरों ने भारत में प्रवेश के लिए न्यू मून नाइट्स (अमावस की रात) का प्रयोग किया। खास तौर पर देर रात 2 बजे से 5 बजे तक के समय को चुना गया है। इस वक्त के चयन के पीछे खास कारण है कि नाइट विजन डिवाइस इस दौरान पूरी तरह से काम नहीं करते हैं। 202 किमी. लंबे अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करने के लिए आतंकी खास तौर पर अमावस्या की रात का ही प्रयोग कर रहे हैं। कॉल डिटेल और आतंकियों के बयान के आधार पर खुलासा नैशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ भी शेयर की गई है। सुरक्षा बलों के साथ हुई 3 दर्जन से अधिक आतंकी वारदातों और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के विश्लेषण के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है। कॉल डिटेल रेकॉर्ड्स के साथ वीएचएफ सेट्स और पकड़े गए आतंकियों के बयानों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। रिपोर्ट्स का कहना है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी इंटरनैशनल बॉर्डर पर पहुंचने से पहले जीपीएस लोकेशन शेयर करते हैं। जीपीएस लोकेशन के जरिए ही वह घाटी में अपने मौजूद अपने कारिंदों से संपर्क में रहते हैं। पढ़ें: नैशनल हाईवे से आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए पहुंचे रिपोर्ट में बताया गया है कि जैश और लश्कर के आतंकियों ने साम्बा-जम्मू-उधमपुर और साम्बा-मनसा-उधमपुर नैशनल हाईवे का प्रयोग कश्मीर जाने के लिए किया था। 2016 और 2018 में नागरोटा और झझ्झर कोटली में हुए आतंकी हमलों में इसी मार्ग का प्रयोग किया था। इन आतंकी वारदात में 20 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी। NH 44 से आतंकियों का खास कनेक्शन रिपोर्ट में खास तौर पर जिक्र किया गया है कि घाटी में काम करने वाले आतंकी संगठनों के अंडरग्राउंड वर्कर्स ने ट्रक के जरिए इन आतंकियों को साम्बा, दयालचाक और बेन नदी के पुल से उठाया था। यहीं से सब आतंकियों को घटना को अंजाम देनेवाली जगहों पर छोड़ा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि बेन रिवर और तरना नाला एनएच 44 पर हैं और यहीं से पिछले कई आतंकी वारदातों में आतंकियों ने 7 अलग-अलग लोकेशन का प्रयोग किया। पढ़ें: सूरज निकलने से पहले का वक्त आतंकियों के लिए खास रिपोर्ट्स का कहना है कि नैशनल हाईवे से आतंकियों को घटनास्थल तक पहुंचाने के लिए वक्त आम तौर पर तड़के सुबह का होता है जब ठीक से रोशनी नहीं होती। 13-14 मई 2018 को बीएसएफ की 173 बटालियन ने तरना नाला के पास 5 संदिग्ध लोगों की गतिविधि नोट की थी। इसी दिन 5 अन्य आतंकियों को भी बेन नदी के पुल के पास से पकड़ा गया था।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2nK1CU6

Comments

Popular posts from this blog

चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने मांगी गिरफ्तारी

संपादकीय: उपचुनाव का संदेश, I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद की पहली भिड़ंत

विशुद्ध राजनीति: विपक्षी बैठक के बाद ममता खफा, राहुल का विदेश दौरा, स्पेशल सेशन पर सस्पेंस, देश की राजनीति में सब घट रहा