NRC: बिस्वा शर्मा का दावा, डेटा से हुई छेड़छाड़

गुवाहाटी असम के वित्त मंत्री ने की अंतिम सूची पर शनिवार को कहा कि लिस्ट से बाहर किए गए लोगों के नंबर कुछ ज्यादा होने चाहिए थे, हमारे पास है कि डेटा से की गई है। हमें लगा की फिर से वेरिफिकेशन किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुझे लगता है कि आंकड़े कम हैं, ये और ज्यादा होने चाहिए थे। शर्मा ने कहा, 'केंद्र एवं राज्य सरकारों के अनुरोध पर शीर्ष अदालत को सटीक एवं निष्पक्ष एनआरसी के लिए (सीमावर्ती जिलों में) कम से कम 20 प्रतिशत और (शेष जिलों में) 10 प्रतिशत पुन: सत्यापन की अनुमति देनी चाहिए।' उन्होंने विरासत संबंधी आंकड़ों से छेड़छाड़ का दावा करते हुए इसके सबूत होने की भी बात कही। शर्मा ने कहा कि 1971 से पहले बांग्लादेश से भारत आए कई शरणार्थियों को एनआरसी सूची से बाहर निकाला गया है क्योंकि प्राधिकारियों ने शरणार्थी प्रमाण पत्र स्वीकार करने इनकार कर दिया। आपको बता दें कि केन्द्र एवं राज्य सरकार ने खासकर बांग्लादेश की सीमा से लगे जिलों में एनआरसी में गलत तरीके से शामिल नाम और बाहर किए गए नाम का पता लगाने के लिए नमूनों के पुन: सत्यापन को लेकर न्यायालय से दो बार अपील की थी। न्यायालय ने इस माह की शुरुआत में कड़े शब्दों में कहा था कि निश्चित पैमानों के आधार पर एनआरसी की पूरी प्रक्रिया पुन: शुरू नहीं की जा सकती। गौरतलब है कि असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है। (एजेंसियों से इनपुट के साथ)


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2ZHsm4Z

Comments

Popular posts from this blog

चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने मांगी गिरफ्तारी

संपादकीय: उपचुनाव का संदेश, I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद की पहली भिड़ंत

विशुद्ध राजनीति: विपक्षी बैठक के बाद ममता खफा, राहुल का विदेश दौरा, स्पेशल सेशन पर सस्पेंस, देश की राजनीति में सब घट रहा