गोवा का 'शापित' गांव, शादी से डरती हैं लड़कियां
मडगांव के चंदोर गांव में दुलहनों को लेकर लोगों के बीच में एक अजीब काफी प्रचलन में है। बताया जाता है कि प्राचीन काल में की एक रानी ने गांव की सभी बहुओं को विधवा हो जाने का शाप दिया था। गांव के लोग आज भी इस शाप पर यकीन करते हैं और इससे डरते हैं। जानकारी के मुताबिक, शाप की ही वजह से गांव में कोई अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता। इस वजह से गांव के कई युवा विस्थापित होकर दूसरे शहरों में रहने लगे हैं। चंदोर गांव की लोककथाओं के मुताबिक, यह किस्सा कदंबा साम्राज्य से संबंधित है। इसके मुताबिक, 16 अक्टूबर 1345 की आधी रात के वक्त होनवर के नवाब जमाल-उद-दीन ने गोवापुरी (वर्तमान गोवा वेल्हा) और चंदरपुर (चंदोर) पर एक साथ हमला बोल दिया था। कदंबा साम्राज्य की गद्दी संभालने वाले युवा राजा सिरियादेव की नई-नई शादी हुई थी। युद्ध के दौरान राजा का कत्ल कर दिया गया था और उनके साथ ही कदंबा परिवार के सभी पुरुष सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। महिलाओं ने भी नदीं में कूदकर अपनी जान दे दी थी बताया जाता है कि इसके बाद महल की सभी महिलाओं ने भी नदीं में कूदकर अपनी जान दे दी थी। उस वक्त राजा सिरियादेव की नवविवाहिता रानी अपने पिता के घर हंगल में थीं। जब वह वापस आईं तब उन्हें अपने पति की मृत्यु की खबर मिली। इसके साथ ही उन्हें यह भी जानकारी मिली कि कदंबा परिवार की सभी महिलाओं ने आत्महत्या कर ली है। दुखी रानी ने राजा की कब्र पर जाकर चंदोर गांव की सभी महिलाओं को शाप दे दिया। शाप देते हुए रानी ने कहा कि चंदोर गांव तबाह हो जाए और यहां कि वे लड़कियां जो गांव से बाहर ब्याही जाएं, वे सुखी रहें लेकिन जो ब्याहकर यहां लाई जाएं वे जल्दी ही विधवा हो जाएं। चंदोर के एक ग्रामीण बताते हैं कि यहां के लोगों में अभी भी इस शाप को लेकर अंधविश्वास काफी मजबूत है। इसकी वजह से दूसरी जगह के लोग अपनी बेटियों की शादी चंदोर में करने में संकोच करते हैं। ऐसे में गांव के ज्यादातर युवा अपने वैवाहिक जीवन की सुरक्षा के लिए भी गांव छोड़कर चले गए हैं। कई युवाओं ने छोड़ दिए गांवहालांकि, सिर्फ इसी वजह से नहीं बल्कि व्यापार और नौकरी के कारण भी चंदोर के कई युवाओं ने गांव छोड़ दिया। ऐसे ही एक युवा व्यापारी बताते हैं कि शादी के तुरंत बाद उन्होंने चंदोर छोड़ दिया और मडगांव में शिफ्ट हो गए। उन्होंने कहा कि वह शाप में विश्वास नहीं करते लेकिन उनके माता-पिता की जिद की वजह से उन्हें गांव छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनके कई दोस्त ऐसे हैं जो शादी के बाद भी चंदोर में रहते हैं और सुखी जीवन बिता रहे हैं।
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