'गैर-हिंदू से नहीं लूंगा खाना', जमैटो ने दिया जवाब

नई दिल्ली ने जब खाना डिलिवर करने की जिम्मेदारी एक गैर-हिंदू लड़के को दी तो ग्राहक अमित शुक्ल ने आपत्ति जताई और ऑर्डर कैंसल कर दिया। बाद में उन्होंने जमैटो ऐप अनइंस्टॉल करने कर दी और पूरे वाकये की जानकारी ट्विटर पर दी। इसपर पहले तो जमैटो ने लिखा कि खाने का धर्म नहीं होता, भोजन अपने आप में एक धर्म है। बाद में इस ऑनलाइन फूड डिलिवरी ऐप के मालिक ने कहा कि अगर ऐसे ग्राहक हमें छोड़कर जाते हैं तो जाएं। दरअसल, @NaMo_SARKAAR के ट्विटर आईडी वाले पं अमित शुक्ल ने 30 जुलाई को एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'अभी-अभी जमैटो पर एक ऑर्डर कैंसल कर दिया क्योंकि वे एक गैर-हिंदू राइडर को खाना पहुंचाने मेरे पास भेज रहे थे। उन्होंने कहा कि वे राइडर चेंज नहीं कर सकते और ऑर्डर कैंसल करने पर रिफंड भी नहीं करेंगे। मैंने कहा कि आप मुझे डिलिवरी लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। मैं रिफंड नहीं चाहता हूं, बस कैंसल कर दीजिए।' शुक्ल ने अपने दूसरे ट्वीट में अपने फोट से जमैटो ऐप हटाने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'जमैटो मुझ पर उन लोगों से डिलीवरी लेने का दबाव बनाती है जिनसे नहीं लेना चाहते। फिर वह न रिफंड भी नहीं करती है और न सहयोग। इसलिए मैं यह ऐप हटा रहा हूं। इस मुद्दे पर वकीलों से बात करूंगा।' इस पर पहले जमैटो ने ट्वीट किया, 'भोजन का कोई धर्म नहीं होता है। यह खुद में एक धर्म है।' बाद में जमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने लिखा, 'हमें आइडिया ऑफ इंडिया और हमारे सम्मानित ग्राहकों एवं पार्टनरों की विविधता पर गर्व है। हमें हमारे मूल्यों के रास्ते में आड़े आने वाला बिजनस खोने पर कोई दुख नहीं है।'


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2ZwJx9W

Comments

Popular posts from this blog

चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने मांगी गिरफ्तारी

संपादकीय: उपचुनाव का संदेश, I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद की पहली भिड़ंत

विशुद्ध राजनीति: विपक्षी बैठक के बाद ममता खफा, राहुल का विदेश दौरा, स्पेशल सेशन पर सस्पेंस, देश की राजनीति में सब घट रहा