'कट मनी' पर घमासान, TMC का BJP पर वार

कोलकाता एक तरफ पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर जारी है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से '' लिए जाने को लेकर पश्चिम बंगाल में बवाल मचा हुआ है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ इस मुहिम में बीजेपी के शामिल हो जाने के बाद 'कट मनी' वापस करने की मांग और तेज हुई है। सूबे में लगातार हिंसा के बीच इस मुद्दे पर भी बीजेपी और तृणमूल के रिश्तों में तल्खी बढ़ती दिख रही है। बता दें कि ने गत 18 जून को तृणमूल पार्षदों की एक बैठक में उन्हें आदेश दिया था कि वे लाभार्थियों से लिया गया कट मनी वापस करें। उन्होंने तब कहा था, ‘मैं अपनी पार्टी में चोरों को नहीं रखना चाहती। यदि मैं कार्रवाई करूंगी, वे किसी और पार्टी में शामिल हो जाएंगे। कुछ नेता गरीबों को आवास अनुदान मुहैया कराने के लिए 25 प्रतिशत कमीशन मांग रहे हैं। यह तुरंत रुकना चाहिए। अगर आपने लिया है तो पैसा तत्काल लौटा दीजिए। मांगों को लेकर सड़क पर लाभार्थी लाभार्थी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों ने अब विधायक और पार्षदों का घेराव कर योजनाओं के दौरान उनसे ली गई कट मनी को वापस करने के लिए कहा है। उधर, सत्तारूढ़ तृणमूल ने इसके लिए बीजेपी को उकसाने का आरोप लगाया है। हालांकि यह भी सच है कि हालिया लोकसभा चुनावों से पहले कट मनी को लेकर पश्चिम बंगाल में इस तरह का विरोध नहीं देखने को मिला। लोकसभा में बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन के बाद कट मनी पर विरोध तेज हुआ है। नेताओं को घेर रही है जनता पिछले दिनों राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापक हंगामे में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को भीड़ ने घेर लिया। इन नेताओं से लोगों ने कट मनी वापस करने की मांग की जो उनसे सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ सुनिश्चित करने के लिए लिया गया। ऐसा ही एक प्रदर्शन बीरभूम के मल्लारपुर में दिखने को मिला। यहां ग्रामीणों ने तृणमूल नेता और ग्राम पंचायत अधिकारी नसीमुद्दीन शेख का घेराव करते हुए कट मनी वापस करने की मांग की। आवास योजना की एक लाभार्थी ने कहा, तृणमूल के नेताओं ने जबरदस्ती हमारे जॉब कार्ड और बैंक पासबुक लिए। एक अन्य ने बताया, नसीमुद्दीन ने गांव के करीब 50 लोगों को आवंटित होने वाले घरों का पूरा पैसा खुद ही ले लिया है। एक नेता ने 2.25 लाख रुपये लौटाए तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच, बीरभूम जिले के एक स्थानीय नेता ने सरकारी योजनाओं के 100 से ज्यादा लाभार्थियों को करीब 2.25 लाख रुपये लौटा दिए हैं। वहीं सूत्रों की मानें, तो पश्चिम बंगाल में कट मनी वसूली को देखते हुए ममता सरकार एक कड़ा कानून लाने जा रही है, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास का प्रावधान होगा। सदन में गरमाया मुद्दा, जांच की मांग सदन में भी यह मुद्दा काफी गरमाया रहा है। विपक्ष इसे लेकर ममता सरकार पर लगातार हमलावर है। पिछले दिनों खुद ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम ने माना कि ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लाभार्थियों के मकान बनाने के लिए पहल करने वाले पार्षद उनसे कुछ पैसे लेते हैं। उधर, कांग्रेस ने सदन में 'कट मनी' को लेकर जांच की मांग करते हुए कहा कि इसके लिए एक आयोग गठित करने की जरूरत है ताकि हमें पता चले कि इसे कौन हड़प रहा है। इसके अलावा वामदलों ने भी इसे लेकर सदन में सरकार को घेरते हुए जांच की मांग की है। सीएम ममता बनर्जी ने सदन में बताया कि ऐसी 5913 शिकायतें आई हैं, जिनमें से 60 फीसदी शिकायतों पर उचित पहल की गई है।


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