जम्मू कश्मीर: राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का प्रस्ताव

नई दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री ने शुक्रवार को लोकसभा में दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। पहला प्रस्ताव राज्य में की अवधि को 6 महीने के लिए बढ़ाने और दूसरा राज्य में लागू आरक्षण के कानून में संशोधन का प्रस्ताव है। इस दौरान उन्होंने पिछले 5 साल में राज्य में हुए विकास कार्यों और आतंकवाद के खिलाफ सरकार के कड़े ऐक्शन की भी सदन को जानकारी दी। हालांकि कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाए जाने का विरोध किया। गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को बताया कि 2 जुलाई से 6 माह के लिए राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि पीडीपी सरकार के पास बहुमत नहीं रहा, तो राज्यपाल ने सभी दलों से बात करके बात राष्ट्रपति शासन का फैसला लिया। विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले सामने आए तो 21 नवंबर 2018 को विधानसभा को भंग कर दिया गया और उसके बाद 20 दिसंबर 2018 से राष्ट्रपति शासन राज्य में अमल में है। उन्होंने बताया कि 3 जनवरी 2019 को राज्यसभा ने इसका समर्थन किया था और ऐसे में यह 2 जुलाई 2019 तक रहेगा। शाह ने कहा, 'हम प्रस्ताव लेकर आए हैं कि राष्ट्रपति शासन 6 महीने के लिए बढ़ाया जाए।' उन्होंने आगे कहा कि रमजान और अमरनाथ यात्रा को संज्ञान में लेते हुए चुनाव आयोग चुनाव कराने को लेकर फैसला बाद में करेगा। कांग्रेस का सरकार पर निशाना प्रस्ताव का विरोध करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि आज हालत यह हो गई है कि हमें हर 6 महीने में जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह 2015 में पीडीपी और बीजेपी के बीच अलायंस में छिपी है। तिवारी ने कहा कि अगर आतंकवाद के खिलाफ आपकी कड़ी नीति है तो हम इसका विरोध नहीं करते हैं लेकिन आपको यह ध्यान में रखने की जरूरत है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तभी जीती जा सकती है जब लोग आपके साथ हों। 'साल के आखिर में हो सकते हैं चुनाव' उन्होंने कहा कि 7 मई से 4 जून रमजान का महीना था, 30 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। उधर, बकरवाल समुदाय के लोग पहाड़ पर चले जाते हैं। ऐसे में अभी चुनाव कराना ठीक नहीं है। ऐसे में राष्ट्रपति शासन की अवधि को बढ़ाया जाए। उम्मीद है कि इस दौरान चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 3 दशकों से इन महीनों में चुनाव नहीं कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने इस साल के आखिर में चुनाव कराने का फैसला किया है। IB के पास के लोगों को भी आरक्षण का प्रस्ताव अमित शाह ने दूसरा महत्वपूर्ण प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर आरक्षण कानून में संशोधन का रखा। इस प्रस्ताव के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों के लोगों के लिए मौजूद 3 प्रतिशत आरक्षण के तहत ही अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) के नजदीक रहने वालों को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि तीनों सीमाओं पर उतनी ही समस्या होती है। गोलीबारी, बमबाजी से नुकसान होता है। गृह मंत्री ने कहा कि यह आरक्षण किसी को संतुष्ट करने के लिए नहीं है। प्रस्ताव के तहत एलओसी के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बार्डर पर रहने वालों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, पंचायतों को सीधे पैसा शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बहुत समय बाद आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। 1 साल के भीतर सरकार ने आतंकवाद को जड़ों से उखाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विकास की बात करते हुए शाह ने कहा कि इसी एक साल के भीतर पंचायत के चुनाव कराए गए और 4 हजार पंचायतों में 40 हजार सरपंच देश की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 700 करोड़ रुपये सीधे पंचायतों के बैंक खातों में पहुंचा है। आगे 3000 करोड़ रुपये पंचायतों को जल्द दिए जाएंगे। इस बार चुनाव हुआ पर हिंसा नहीं उन्होंने कहा कि पहले चुनावों में हिंसा होती थी। 40 हजार पदों के लिए चुनाव हुआ और एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई। लोकसभा का चुनाव हुआ, मत प्रतिशत भी बढ़ा और कोई हिंसा नहीं हुई। यह दर्शाता है कि स्थिति सरकार के नियंत्रण में है। 'जम्मू और लद्दाख के साथ अब भेदभाव नहीं' गृह मंत्री ने कहा कि पहली बार जनता महसूस कर रही है कि जम्मू और लद्दाख भी राज्य के हिस्से हैं। शाह ने कहा, 'क्षेत्रीय संतुलन को पहले नहीं साधा गया था, यह कहने में मुझे कोई संकोच नहीं है। मैं आंकड़ों के साथ सिद्ध कर सकता हूं। पहले जम्मू और लद्दाख क्षेत्र के साथ भेदभाव होता था। हमने सबको सबका अधिकार दिया है। इसके कारण जम्मू और लद्दाख क्षेत्र के मसलों को भी निपटा दिया गया।' एक भैंस की मौत पर 50 हजार का मुआवजा उन्होंने बताया कि सीमवर्ती क्षेत्रों में रहने वालों लोगों की मौत हो जाती थी, पशु मारे जाते थे पर कोई मुआवजा नहीं मिलता था। अब एक भैंस की मौत पर 50 हजार रुपये देने का काम सरकार ने किया है। उन्होंने बताया कि लगभग 15 हजार बंकर बनाने का फैसला हुआ है। 4400 बंकर बन चुके हैं और बाकी के तय समय के भीतर बनकर तैयार हो जाएंगे।


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