चुनावी बॉन्ड: गुमनाम रह पारदर्शिता कैसे संभव?

चुनावी बॉन्ड के खरीदारों की पहचान गुप्त रखने के पीछे सरकार का तर्क है कि कैशलेस चंदे से काले धन पर लगाम लगेगी। हालांकि, चुनाव सुधार से जुडे़ लोगों का कहना है कि दानकर्ताओं के नाम गुप्त रखने के साथ चुनाव सुधार की प्रक्रिया एक साथ नहीं चल सकती है। सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले को लेकर सुनवाई भी है।

from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2TZWs5A

Comments

Popular posts from this blog

चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने मांगी गिरफ्तारी

संपादकीय: उपचुनाव का संदेश, I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद की पहली भिड़ंत

विशुद्ध राजनीति: विपक्षी बैठक के बाद ममता खफा, राहुल का विदेश दौरा, स्पेशल सेशन पर सस्पेंस, देश की राजनीति में सब घट रहा